Gurugram News Network – वाटिका बिल्डर द्वारा सेक्टर-83 में बनाए जा रहे कमर्शियल प्रोजेक्ट को 12 साल बीत जाने के बाद भी निवेशकों को दुकान नहीं मिली है। पिछले पांच साल से बिल्डर ने निवेशकों को एश्योर्ड रिटर्न देना भी बंद कर दिया है। बिल्डर न तो प्रोजेक्ट को पूरा कर रहा है और न ही उनके रुपए लौटा रहा है। ऐसे में गुस्साए निवेशकों ने सोमवार को सीनियर टाउन प्लानर कार्यालय का रुख कर लिया। निवेशकों ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने एसटीपी से मांग की है कि वह बिल्डर के इस प्रोजेक्ट को अपने अधीन करें और निवेशकों को उनका हक दिलाएं।
निवेशक आशीष ढींगड़ा ने बताया कि उन्होंने वाटिका बिल्डर के सेक्टर-83 के कमर्शियल प्रोजेक्ट में निवेश किया था। बिल्डर ने उनसे पूरी पेमेंट ले ली है, लेकिन प्रोजेक्ट को आज तक अधूरा छोड़ा हुआ है। इस प्रोजेक्ट में निवेश करते वक्त उन्हें कहा गया था कि जब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो जाता तब तक उन्हें एश्योर्ड रिटर्न दिया जाएगा, लेकिन बिल्डर ने यह भी अपनी मर्जी से देना बंद कर दिया। साल 2018 में आखिरी बार यह रिटर्न उन्हें दिया गया। निवेशक जब भी अपनी दुकान पर कब्जा दिए जाने की बात कहते हैं तो वह ओसी न होने की बात कह देता है, लेकिन अपने कार्यालय इस प्रोजेक्ट में शुरू करने के लिए बिल्डर को ओसी की जरूरत नहीं पड़ती।
उन्होंने कहा कि बिल्डर अपनी मर्जी से उनकी दुकानों को लीज पर दे रहा है। जो दुकान उन्हें हैंड ओवर ही नहीं हुई उसका मेंटीनेंस चार्ज मांगा जा रहा है। पेनल्टी के साथ उन्हें पांच साल का मेंटीनेंस चार्ज का नोटिस भेजने के साथ ही रोजाना फोन कर हरास किया जा रहा है। कोर्ट अथवा हरेरा के आदेश मानने से बिल्डर इंकार कर रहा है। ऐसे में वह परेशान हो चुके हैं। उन्होंने एसटीपी से आग्रह किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और बिल्डर से यह प्रोजेक्ट अपने अधीन लेकर इसे पूरा कराएं और उन्हें उनका हक दिलाएं।
वहीं, मामले में सीनियर टाउन प्लानर संजीव मान ने बताया कि निवेशकों द्वारा उन्हें शिकायत दी गई है। निवेशकों और बिल्डर के बीच एक बैठक कराई जाएगी ताकि निवेशकों की समस्या का समाधान किया जा सके। इसके लिए बिल्डर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। जल्द ही बैठक कराकर निवेशकों को उनका हक दिलाया जाएगा।